Saturday, November 13, 2021

लिखना तो है....

ब्लॉग से फेसबुक पर चलते हुए वापस ब्लॉग पर । अपनी बात को अपने  ही शब्दों में लिखने का तरीका .....फेसबुक के लंबे सफर के बाद ,लगा कि ब्लॉग ही सही है । हर किसी की अपनी राय- विचार- द्रष्टि है पर मेरे शब्दों में फेसबुक तात्कालिक प्रतिक्रिया का साधन है और ब्लॉग शब्दों को सहेज कर रखने की " किताब " ।

लिखना बहुत जरूरी है, लिखने से ज्यादा खुद के भाव को प्रकट करना ज्यादा जरूरी है । इस लिए नहीं कि मन के भावों का बाजार में कोई महत्व देगा ,  बल्कि इस लिये की भावों  को  कहीं लिखा नहीं, अभिव्यक्त नहीं किया तो भावों का भाव क्या रहेगा । यहाँ भी अपनी अपनी दृष्टि....यह मेरी बात है ।

लिखना बहुत जरूरी है , लिखना बन्द तो पढ़ना बन्द , लिखना बन्द तो सोचना बंद ,लिखना बन्द तो खुद का मूल्यांकन बन्द । लिखेंगे तो ही तो  पढ़ेंगे..कभी अपना ही , तो कभी किसी औऱ का ....पढ़ेंगे तो ही तो सुधरेंगे । सुधरेंगे नहीं तो बढ़ेंगे कैसे ?

तो इसी लिये लिखना जरूरी है ,खुद को अभिव्यक्त करना जरूरी है....फेसबुक की तात्कालिक जिंदगी में बहस है, उलझन है कभी कभी स्वागत- तिरस्कार है , शायद ब्लॉग की जिंदगी लम्बी है - गम्भीर है , समझदार है ....ना हो , तो भी कभी हो जाएगी । पर जो लिखा जायेगा वह सदैव सामने होता है ...हमेशा हमेशा ।

तो बस अभी यहीं डेरा है ...यही लिखेंगे....खुद को सुधारेगें....खुद को अभिव्यक्त करेंगे....फेसबुक पर केवल घूमनें चलेंगे ....रोज रोज ।

4 comments:

Rajeev Jain said...

नियमित लिखो
शुभकामनाएं

प्रशांत गुप्ता said...

लिखना ही तो है , बस आप की गम्भीर सम्पादकीय नजरें ,लिखे हुए को निहारती रहें ।

Deepak Gupta said...

लो कर लो बात हम जब फार्म में आने लगे आप उस प्लेटफार्म को छोड़ गए खैर लिखिए अगर नजर पड़ेगी तो जरूर घमासान मचाने पहुंचेंगे

प्रशांत गुप्ता said...

आप का इंतज़ार सदैव रहेगा