Saturday, January 31, 2015

वापसी

सालो हो गये यहाँ आये हुए । फेसबुक - ट्विटर की तुरंत फुरंत की दुनिया अल्पकालिक तो ठीक हे पर संतोषप्रद नही । वहां तत्काल भाग दोड के साथ उपलब्धता हे । पर यहाँ शांति के साथ सामर्थ्यपूर्ण यात्री ।
        समय कितना बदल गया । सत्ता के साथ देश का जन मानस भी । परिवार के साथ सामाजिक जीवन भी । बदलाव , विचार ओर अपने मन को अभिव्यक्त करने के साधन व तरीके भी बदल गए । ब्लोगिंग की पुन्ह  शुरुवात इन को महसूस व् अभिव्यक्त करने में सहायता करेगी ।

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