Tuesday, August 11, 2009

"राष्ट्रीय राजमार्ग पर आप का स्वागत है "

मार्ग भी कई तरह के होते है न , गाँव की पगडण्डी -सिंगल सड़क - राज्य सरकार के राजमार्ग ओर राष्ट्रीय राजमार्ग वैसे ही जैसे गाँव - क़स्बा -जिला ओर राजधानी , अब देश की वर्तमान स्थिति की चलते गाँव - क़स्बा -जिला मे सुविधाओ की तो उम्मीद छोड़ दीजिये पर राजधानी मे तो कुछ उम्मीद कर ही सकते है , पर वहां भी हाल बेहाल मिले तब ? राष्ट्रीय राजमार्ग पर उम्मीद की जा सकती है बढ़िया सड़क कि , वैसे सड़क है तो उस मे गड्ढा तो होगा ही , कही कही गड्ढो मे सड़क भी , लालू भी कभी पटना की सडको को ....के गालो की तरह बनाना चाहते थे पर बात केवल बात बन कर रह गई

अभी NH 8 पर रेवाडी से जयपुर जाना हुआ , राष्ट्रीय राजमार्ग की सुविधा के उपभोग के लिये आने जाने के लिये करीब 250 रुपे का टोल टैक्स भी दिया , पर गड्ढो से बचने के लिये अपनी कार की स्त्त्येरिंग को बार बार घुमाता ही रहा , नजर आस पास की गाडियों के आलावा सड़क के संभावित गड्ढो पर भी टिकी रही , जाते वक्त तो हालात को फिर भी कुछ टीक थे है पर जयपुर से वापसी के वक्त " है भगवान ". लग रहा था की किसी गाँव की सड़क पर है , वैसे गावों कि सड़क इस ज्यादा अच्छी है , इतने भारी टोल टैक्स का मतलब केवल सरकारी डंडे से वसूली लगा ,जयपुर से दिल्ली राजमार्ग दो राजधानियों को जोड़ने वाला - दो पर्यटक राजधानियों को जोड़ने वाला मार्ग है साल मे लाखों देशी विदेशी पर्यटक इस मार्ग पर सफ़र करते है .. . पर इस की हालात देख कर बहुत दुःख हुआ .. कहते है सड़क देश का आइना है , राजमार्ग की हालात देख इस आइने से क्या देखे समझ नहीं आता


जान का क्या है भाई जल्दी है , ऊपर की फोटो भी राष्ट्रीय राजमार्ग की ही है - करीब 100 की स्पीड पर चल रही इस जीप मे ये लोग पीछे लटक रहे है , यात्रियों को न तो अपनी सुरक्छा की चिंता है ओर न ही जीप चालको को पुलिस का भय .. ओर न ही पुलिस को अपने काम की याद .


वैसे राजमार्ग पर लगा बोर्ड अब भी कह रहा है "राष्ट्रीय राजमार्ग पर आप का स्वागत है "

1 comment:

GKK said...

Jis sarkar ko sadko ki chinta thi unko to janta ne jitaya nahi, ab bhugto..