Monday, May 25, 2009

" दर्द ,प्राइवेट नोकरी का"



सरकारी कर्मचारियों को देखकर बहुत जलन होती है। जरूर पिछले जन्म में बहुत पुण्य किये होंगे, जो सरकारी नौकरी मिली। पॉँच साल के अपने अनुभव से मैं तो ये कह सकता हूं। हमने बहुत पाप किए होंगे। सुबह 9 बजे से लेकर शाम तक जो हाल होता है उसके बाद तो राम रखे। बुजुर्ग कहते हैं कि "भाई पैसे बहुत पर पूरा तेल निकाल लेते हैं प्राइवेट नौकरी में" कभी पूरी बात सही थी पर अब केवल पीछे की शब्द ही सही रह गये है। पैसा तो नये वेतन आयोग के बाद फिर भाग्यशाली लोग ले गए। उपर से मंदी की मार आ गई। सोचता हूं कम से कम इस जन्म में तो कुछ पुण्य कर लू, जिससे अगला जन्म तो सुधर जाए।

भाई किसी की तो ज्यादा नहीं कह सकता, पर अपनी तो "बजा" रखी है। प्रमोशन के लिये 100 नाटक और काम की कमी नहीं ,जो तेरा काम है वो तो तू कर ही और जो तेरा काम नहीं वो भी तू कर। क्‍यूंकि तू ऑफिस का "मालिक" है हर काम तेरा ही है। आदत शुरु से ही खराब रही है( एएचएस से ही बिगड़ गयी थी ) ना किसी को कर नहीं सकते, सोचते हैं कि चल कुछ सीखने को ही मिलेगा अब भाई जब आदत अपनी ही खराब तो उसको भुगतना तो पडेगा ही !!

जब सेल्‍स में था तब ऑफिस की और जिमेदारी ले रखी थी, अब कुछ ज्यादा ही ! अभी मेरा ऑफिस नई बिल्डिंग मे शिफ्ट हो रहा है। बिल्डिंग ढूँढने, रेट फिक्स करने , दुनिया भर की अप्रोवल, बहुत सारे लीगल, फाइनेंस, रि शिफ्टिंग डिपार्टमेंन्‍टस में बात करो। इनके कागज पूरे करना। उफ़ . ट्रांसपोर्ट, कारपेंटर, बिजलीवाला ढूँढना है और पुराने मालिक से बना कर रखो। उसका क्लेम कम से कम रखना है। ऑफिस बदलने पर सरकारी विभागों को सूचना, लोकल प्रचार भर जरूरी है। ऐसा नहीं है कि इसके लिये अलग बन्दा नहीं है, है एक वो भी 60-70 ऑफिस पर एक। तो भाई हम को ही करना है, और ये सब कुछ करने की आखरी तारिख एक जून। नहीं हुआ तो हमारे लिये "प्रेम पत्र " और इन सब के अलावा ऑफिस तो है ही, सेल्‍स के टारगेट भी पूरे करने हैं।


करना सुब कुछ है पर प्रमोशन , भाई विचार चल रहा है , हो जायेगा ,चिंता भी मत कर और छोड़कर भी मत जा। वैसे बताता चलूं कि पिछले साल हर चीज में हम अपने रीजन मे नंबर वन थे पर प्रमोशन के लिये तरस गये।


भाई बताओ ना की अगले जन्म के लिये कौनसा पुण्य करूं कि सरकारी नौकरी मिले।
कोई जुगाड आपको पता हो तो टिप्‍पणी अवश्‍य करें !!!

15 comments:

GKK said...

bhai yeh apna apna perspection hai, filhaal mere ex-sarkari office wale bhi kam promotion de rahe hai kyo ki koi chod kar nahi jaa raha, waise yeh to obvious hai ki pvt walo ko jyada mehnat karni padti hai lekin tankhwah bhi usi hisaab se milti hai :)

Vageesh Vaidvan said...

Great post man
keep it up
I dont know how to type in Devnagri Lipi otherwise I would have done the same

You are tinker
I got to read it accidently but I have become a fan of it

श्यामल सुमन said...

नौकरी प्राइवेट की सचमुच दुख बहुत देता रहा।
तीस बर्षों से अभी तक मैं ये नौकरी करता रहा।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

विवेक रस्तोगी said...

हमें भी बताओ कि कैसे सरकारी नौकरी मिल सकेगी। मजे में १० बजे आओ और १.३० से २.०० बजे तक खाना खाओ और ५ बजे अपना झोला टांग कर घर चल दो। अपने जैसे नहीं कि रात-दिन काम करो। कहने को ५ दिन होते हैं काम करने के लिये पर काम इतना होता है कि ७ दिन भी कम पड़ते हैं ओर दिन के २४ घंटे भी।

अजय कुमार झा said...

are sir ye sab sarkaaree naukree mein bhee hai , magar haan ek baat hai ki koi yn hee nikaalne kee dhamkee nahin de saktaa, aur paapee to ham sarkaaree naukar bhee kuchh kam nahin hain.......

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

भाई ईर्ष्या न करो..सरकारी नौकरियां अब गिनी चुनी ही बची हैं. बैसे ये लिंक भी देखना, दूसरा पहलू भी देखना अच्छा लगेगा.
http://nukkadh.blogspot.com/2009_05_08_archive.html

निशांत मिश्र - Nishant Mishra said...

पता नहीं आप कैसे सारे सरकारी कर्मचारियों को एक ही पलडे में तौल देते हैं! दफ्तर-दफ्तर में भी फर्क होता है. यकीनन, बहुत से कर्मचारी लेट आते हैं, जल्दी जाते हैं, लंच पर दो घंटे लगाते हैं, पार्क में ताश खेलते हैं... लेकिन वे कामचोरी करते हैं. इसके विपरीत बहुत से लोग छुट्टी वाले दिन आकर और लेट घर जाकर भी अपना काम पूरा और बेहतर तरीके से करते हैं. सरकारी और प्राइवेट दफ्तर कि कार्यशैली में जो बड़ा अंतर था वो पटता जा रहा है. इस समय रिटायर होनेवाले ज्यादातर सरकारी कर्मचारी बमुश्किल १० वीं पास होते थे और उन्हें काम करना और सीखना नहीं आता था. आजकल अच्छे पढेलिखे लोग भरती हो रहे हैं और वे प्रोफेशनलिज्म से काम करते हैं. आखिर इतना बड़ा देश कामचोरों के दम पे नहीं चल रहा है.

हिंदी में प्रेरक कथाओ, प्रसंगों, और रोचक संस्मरणों का एकमात्र ब्लौग http://hindizen.com अवश्य देखें.

Manisha said...

आप चाहो तो मेरे ब्लॉग sarkari-naukri.blogspot.com से सभी प्रकार की सरकारी नौकरी ढूंढ़ सकते हैं।

मनीषा

Udan Tashtari said...

उसी पुण्य प्रताप को तो हम भी ढ़ूंढ़ रहे हैं.

मिले तो बताना!!

अनिल कान्त said...

सरकारी नौकरी का फॉर्म भरो और अच्छी तरह तैयारी करें ....मेहनत रंग लाएगी :)

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Sumit Bhargava said...

are bahi itna pareshan mt ho aazad hind sena se sekha tha tabhi itna uper pauch gaya other wise latka hota kahi neche or boss gaaliya de raha hota or mehnat karo promotion bhi jarur milega tu mahinat se ghabra kr aise bate kub se krne laga mere dost man leya private off main kam jayda hota hai bt aap kam acha krete ho to result bhi acha hi milta hai d'nt worry always happy

लोकेश Lokesh said...

कोई तरकीब हाथ लगे तो बताना भई, काम आयेगी

…और यह वर्ड वेरीफिकेशन हटा लो, हम जैसे टिप्पणी करने से कतरा जाते हैं

अविनाश वाचस्पति said...

सरकारी नौकरी से जलन
और सरकार चलाने वालों को
देते हो वोट
अब बतलायें
किसमें है खोट
कहीं बंट रहे हैं नोट
कहीं लग रही है चोट

राजीव जैन said...

भाई मजा आ गया
तेरा दर्द वाकई सही है

तेरे दुःख में हमसफ़र

तेरा ही दोस्त

प्रशांत गुप्ता said...
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